एक एक रुपये के लिए लड़ने वाले,
जरा से पैसे के लिए आपसी संबंध खराब करने वाले भी
आज “दुर्गा माँ “की आरती में चिल्ला-चिल्ला कर गाते है..
नही मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना माँ!
ग्रामर की टीचर पप्पू से:
“पप्पू अब शराब नहीं पीता”
“इसमें पप्पू क्या है?”
.
.
पप्पू: इसमें पप्पू माता रानी का भक्त है और
उसने नवरात्रि का व्रत रखा हुआ है!
जिस व्यक्ति को ये नहीं पता कि जीवन में
कब कदम आगे बढ़ाना है कब पिछे लेना है।
वो कभी गरबा नहीं खेल सकता।
------------------------------------------------------------------------------------------
मुर्गा स्वीमिंग पूल में
छपछप कर रहा था!
.
मुर्गी: मजे हो रहे है
.
मुर्गा: पहले बकरा ईद फिर गणपति
फिर पितृपक्ष और अब नवरात्रि
एन्ज्वायमेंट तो बनता है!
नवरात्रि में
नॉनवेज नहीं खा सकते
दारू नही पी सकते
Shave नही कर सकते
रजनीगंधा-तंबाकू खाने पर कोई पाबंदी नहीं!
मेरी रूह का परिंदा फड़फड़ाये,
लेकिन सकून का जजीरा मिल न पाए!
.
Que.: इस कविता में,
कवि कहाँ है और क्या कर रहा है
.
Answer: इस कविता में कवि
Wine shop के बाहर खड़ा है
और उसका नवरात्रि का व्रत है!
0 Comments